Chhoti Diwali – नरक चतुर्दशी या छोटी दीपवली के दिन रूप चौदस का भी त्योहार मनाया जाता है। आज के दिन प्रातःकाल तिल का तेल लगा कर स्नान करन े से भगवान कृष्ण रूप और सौन्दर्य प्रदान करते है ं। इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और मां काल ी के पूजन का विधान है। इस दिन हनुमान जयंति का भी पूजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का पावन पर्व का र्त िक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। January 24, 2022 अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 of 2023 5 27 मिनट से शुरू ह ोकर 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट प र होगी। यहां आप पूजा का शुभ मुहूर्त व प्रदोष काल से संब ं धित संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में दीवाली का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया ज ाता है। दीवाली के एक दिन पहले छोटी दीवाली मनाई जाती है. पंचांग के मुताबिक़, छोटी दीवाली का पर्व कार्त िक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जा ती है। 23 अक्टूबर को मनाई जायेगी। छोटी दिवाली जुड़ी एक कथा के मुताबिक, श्रीकृ ष्ण उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर का वध ा था।। और उसकी कैद से लगभग 16 हज़ार महिलाओं को मुक्ति द िल ाई थी। इसी उपलक्ष्य में यह दीवाली मनाई जाती है।
Chhoti Diwali 2023
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चत ुर्दशी तिथि पर नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी दिवाली के एक दिन पहले और धनतेरस क े एक द िन बाद मनाई जाती है। लेकिन इस बार नरक चतुर्दशी और दीवाली एक ही दिन म नाई जाएगी। इसे छोटी दिवाली, रूप चौदस, नरक चौदस, रूप चतुर्द शी अ थवा नरका पूजा के नामों से भी जाना जाता है। More information ्ण की पूजा का विधान है। रूप चौदस के दिन संध्या के समय दीपक जलाए जाते है ं औ र चारों ओर रोशनी की जाती है। नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्व ास्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है। More information रकासुर का वध करके देवताओं और ऋषियों को उसके आ तंक से म ुक्ति दिलवाई थी।
दीपावली का पर्व एक नहीं बल्कि पूरे पांच दिनों तक चलता है। इस महोत्सव की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है औ र इस के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी पड़ती है। More information दिवाली के ठीक एक दिन पहले कार्तिक महीने के कृष ्ण प क्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहा जा ता है । इस दिन लोग घरों के कुछ विशेष स्थानों पर दीप प्र ज्व लित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन मुख्य द्वार के पास दीया जरूर जलाना चाहिए जिससे घर की समृद समृद्धि बनी रहे।।।
Chhoti Diwali Date Details 2023
Chhoti Diwali 2023: Shubh Muharat
Release date: January 23, 2022 ो 06:04 PM बजेकार्तिक चतुर्दशी तिथि समाप्त : 24 अक ्टूबर, 2022 को 05:28 PM न मनाई जायेगी।
कब है नरक चतुर्दशी? क्या है मुहूर्त?
दीपों और रोशनी का त्योहार दीपावली यानी की दिव ाल ी पांच दिनों का त्योहार होता है। जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और ये पर्व भईया दूज पर खत्म होता है। इस बार दिवाली की तिथियों को लेकर लोगों के अंदर थोड What’s wrong with you? तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर है लेकिन इस दिन शाम 6 बज 3 years of history ा भ्रम हो गया है, इसलिए जो लोग चतुर्दशी की पूजा श ाम को करना चाहें वो इसी दिन कर सकते हैं, ये गलत न हीं होग ा, तो वहीं दूसरी ओर चतुर्दशी 24 अक्टूबर, 5 बजकर 27 मि 24 अक्टूबर को ही है इस लि ए नरक चतुर्दशी सोमवार को ही है।
छोटी दिवाली की शुभ तिथि
06:04 06:04 06:04 06:04 ट से शुरू होकर 24 min 05:28 म िनट पर खत्म होगी। उदया तिथि के मुताबिक, 24 अक्तूबर को भी मनाई जा सकत ी है। हालांकि, कुछ लोग 23 को भी यह त्योहार मनाएंगे।
छोटी और बड़ी दिवाली एक दिन
More information न ाई जाएगी। सालों बाद ऐसा संयोग देखने को मिल रहा है। वहीं धनतेरस भी दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया जा एगा। यही कारण है कि, छोटी और बड़ी दिवाली एक साथ मनाई ज ा रही है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस और छोटी दीवाली के नाम से भ ी जानते है। More information न है. नरक चतुर्थी के दिन भगवान यमराज को दीप-दान किया जा ता है। दीप-दान करने से व्यक्ति को सुख और अच्छे स्वास् थ्य की मनोकामना का फल मिलता है। इस बार नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
What’s up with you?
हिंदू मान्यता के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु क े अवतार श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किय ा था। नरकासुर के बंदी गृह में 16 हजार से ज्यादा महिला एं कै द थीं, जिन्हें भगवान कृष्ण ने आजाद कराया था । तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के तौर पर मना या ज ाता है।
अंे द िन अभ्यंग स्नान लक्ष्मी पूजा से एक दिन पहले या उसी दिन हो सकता है। जब सूर्योदय से पहले चतुर्दशी तिथि और सूर्योदय के बा द अमावस्या तिथि प्रचलित हो तब नरक चतुर्दश ी और लक् ष्मी पूजा एक ही दिन हो जाते हैं इसलिए इस े छोटी दि वाली भी कहते हैं।
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Chhoti Diwali 2023 पूजा विधि
- नरक चतुर्दशी के दिन प्रातः जल्दी उठें और स्ना न आदि कर्म से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ़ क रें सभी देवी देवताओं को स्नान कराएं।
- घर के मंदिर में दीपक जलाएं और प्रदोष काल के समय घर के म ुख्य द्वार या आंगन में दीपक जलाएं।
- एक दीपक यमदेव के नाम का जलाएं और मुख्य द्वार के बाह र रखें।
- More information
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Importance of Chhoti Diwali 2023
नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली के रूप में भी जा ना ज ाता है।, एक हिंदू त्योहार है जो पांच दिवसीय दिवा ली समारोह के दूसरे दिन आता है। यह कार्तिक के हिंदू महीने में कृष्ण पक्ष के चौ दहवे ं दिन पड़ता है। मान्यता है। कि इसी दिन भगवान कृष्ण और सत्यभामा ने नकासुर क ा वध किया था। हिंदू धर्म में दिवाली से एक दिन पूर्व छोटी दिव ाल ी मनाने की परंपरा रही है। छोटी दिवाली को धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गण े श और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। इनके अलावा छोटी दिवाली पर मृत्यु के देवता यमर ाज क ी भी पूजा का विशेष महत्व होता है।
More information लिए इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहते है। छोटी दिवाली भी इसी दिन मनाई जाती है। देश भर में दीपावली की धूम देखने को मिल रही है। बाजार सज गए हैं। लोगों ने त्योहार के पहले से ही खरीदारी और बाकी तैयारि यां शुरू कर दी हैं। दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत धनतेर स के पर्व से होती है। धनतेरस के बाद छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूज ा और भैया दूज के बाद इस त्योहार का समापन हो जाता है। इस बार छोटी दिवाली, दिवाली की तिथियों को लेकर क न ्फ्यूजन बना हुआ है।
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निष्कर्ष (Naraka Chaturdashi)
नरक चतुर्दशी को यम चतुर्दशी, रोप चौदस, रूप चतुर ्दश ी और छोटी दिवाली के नाम से जाना जा सकता है। इस दिन यमराज की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप ्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन पुराने दीए ज लाने की परंपरा है। बता दें कि इस दिन यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा मे ं जलाया जाता है। अगर आपके पास पुराना दीपक नहीं है, तो नया दीपक ज ला सकते हैं। इस दिन सरसों के तेल का दीपक ही जलाया जाता है। और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।
आपको बता दें कि छोटी दिवाली का खास महत्व है। इस दिन 6 देवी देवताओं- श्रीकृष्ण, मां काली, यमदे व, ह नुमान जी, शिवजी और गणेश जी की पूजा होती है। माना जाता है कि इन सभी की पूजा करने से इंसान को हर तरह के सुख की प्राप्ति होती है और उसे सारे कष ्टों से म ुक्ति मिलती है। इस दिन लोग अपने घर के द्वार पर तेल का दीपक का जल ाते ह ैं।
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Source: vtt.edu.vn