Ganga Saptami – ी पृथ्वी पर उतरी थी। 2023 में गंगा सप्तमी की तिथि 27 min कुछ शिक्षाविद् इसे देवी ख ंती के रूप में संदर्भित करते हैं। इस दिन को जह्नु सप्तमी भी कहा जाता है। कई हिंदू ग्रंथों के अनुसार, गंगा वैशाख महीने क े शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) के सातवें दि न पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। More information अवकाश है। इस दिन, देवी गंगा के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।
हिंदू गंगा को देवी गंगा के रूप में पूजते हैं। She है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन गंगा का जन्म हुआ थ , त किया था। इस दिन को जह्नु सप्तमी और गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
Ganga Saptami
गंगा सप्तमी एक हिंदू त्योहार है जिसे गंगा नदी की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिसे गंगा के न ाम से भी जाना जाता है। यह वैशाख के हिंदू के शुक्ल पक्ष (उज्ज्वल आधा) सातवें दिन पड़ता है, जो आमतौर ग्रेगोर ियन कैलेंडर में मई या जून के महीने में पड़ता है है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। भक्त देवी गंगा के लिए विशेष पूजा और कुछ धार्मि क अनुष्ठान करते हैं।
इस दिन, भक्त पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाते है ं और नदी देवी से आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर पवित्र नदी गं गा में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और जीवन म े ं समृद्धि और खुशियां आती हैं।
Ganga Saptami Overview
Ganga Saptami Rituals
- नदी में पवित्र विसर्जन।
- गंगा पूजा व्रत (उपवास) दान।
- ऐसा माना जाता है कि गंगा अपने भक्तों को सभी प्र कार के सांसारिक सुख, शांति और धन प्रदान करेगी।
- सौभाग्य दुर्भाग्य का स्थान लेगा।
- इस दिन, पूजा, पूजा, प्रार्थना और पवित्र स्नान श ारीरिक रोगों के उपचार में सहायता करते हैं।
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Importance of Ganga Saptami
पद्म पुराण और नारद पुराण में वैशाख मास के शुक् ल पक्ष की सप्तमी तिथि को देवी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का विस्तार से वर्णन मिलता है। राजा भागीरथ ने देवी गंगा को पृथ्वी पर उतारा। her name थ ा, जिन्हें कपिल ऋषि ने भस्म कर दिया था।
राजा भगीरथ के सभी साठ हजार पूर्वजों ने मोक्ष प ्राप्त किया। तभी से गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा जाने लगा। इस नदी को स्वर्ग में मंदाकिनी, पृथ्वी पर गंगा औ र पाताल में भोगवती (अंडरवर्ल्ड का पाताल लोक) के नाम से जाना जाता है।
विष्णु पुराण के अनुसार, गंगा विष्णु के बाएं पै र के बाएं अंगूठे के नाखून से निकलती है। , इसलिए वह पहले शिव की जटाओं से होकर बही। – नलिनी, हल्दीनी और पावनी में विभाजित हो गई। सीता, चाकुशा और सिंधु पश्चिम की ओर बहती थीं, जब कि सातवीं नदी, भागीरथी (गंगा), दक्षिण-पूर्व की ओर ब हती थी।
वह देवी पार्वती की बहन हैं, क्योंकि वह हिमवान क ी बेटी हैं। शिव के पुत्र कार्तिक का जन्म गंगा नदी में हुआ थ – मुरुगन या स्कं द में से एक बन गईं। पुराणों के अनुसार, गंगा एक मगरमच्छ (मकर), रा करती है। वह कलाश्निकोव (जल, जीवन और उर्वरता का प्रतीक) धा रण करती है।
ऋग्वैदिक नाडी सूत्र में गंगा का उल्लेख 2 है। जो लोग गंगा सप्तमी पर गंगा नदी की पूजा करते हैं उनके पाप धुल जाते हैं। उस दिन, जो लोग नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं, उ न्हें मोक्ष या मुक्ति प्राप्त होगी।
Ganga Saptami Dates
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीने में शुक् ल पक्ष के दौरान सातवें दिन (सप्तमी तिथि) को गंगा स प्तमी मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन मई में पड ़ता है। यह दिन विशेष रूप से प्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार और के साथ म नाया जाता है।
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Ganga Saptami Rituals
- गंगा सप्तमी या गंगा जयंती पर, भक्त सूर्योदय से पहले उठते हैं और पवित्र गंगा में पवित्र स्नान क रते हैं।
- भक्त मां गंगा की पूजा और अर्चना करते हैं।
- देवी को चढ़ाए गए फूल और मालाओं को नदी के पानी म ें छोड़ दिया जाता है।
- भक्त देवी को जगाने और उनका आशीर्वाद लेने के लि ए गंगा आरती करते हैं।
- नदी के विभिन्न घाटों पर, लाखों भक्त एक साथ गंगा आरती देखने के लिए आते हैं।
- ‘दीप दान’ का अनुष्ठान भी किया जाता है, जहाँ भक्त नदी में एक दीप (दीया) प्रवाहित करते हैं।
- मंत्र और गंगा सहस्रनाम स्तोत्रम जैसे पवित5 जाप करते हैं ।
Importance of Ganga Saptami
गंगा नदी को भारत में पवित्र माना जाता है। गंगा सप्तमी उत्साह के साथ मनाई जाती है, खासकर उ नजगहों पर जहां गंगा नदी और उसकी सहायक नदियां ब हती हैं।
हिंदू धर्म में, यह माना जाता है कि गंगा के पवित ्र जल में एक डुबकी लगाने से व्यक्ति अपने अतीत और वर्तमान के पापों से मुक्त हो जाता है।यह भी मान ा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति का पवित्र नदी के पा स अंतिम संस्कार किया , े दुष्प् रभाव से प्रभावित जातकों को ग्रह के नका रात्मक प ्रभावों से राहत पाने के लिए देवी गंगा क ी पूजा कर नी चाहिए और गंगा सप्तमी पर नदी में पवि त्र डुबकी लगानी चाहिए।
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Legend of Ganga Saptami
More information औ र दूसरी बात, वह भगवान ब्रह्मा के कमंडल (ईवर) से प ् रकट हुई थीं।
गंगा के जन्म से जुड़ी एक और कथा कहती है कि देवी गंगा ने राजा भागीरथ, जो कोशल के शासक थे, के पूर्व जों के पापों को दूर करने के लिए पृथ्वी पर पुनर् ज न्म लिया। परेशानी का सामना कर रहे राजा ने अपने पिछले कर् मों से छुटकारा पाने और अपने पूर्वजों की आत्माओ ं को शुद्ध करने के लिए देवताओं की मदद मांगी थी। उसके तपस्या करने के बाद, भगवान ब्रह्मा ने उसे आ श्वासन दिया कि देवी गंगा उसकी मदद करने के लिए प ृथ्वी पर जन्म लेंगी।
लेकिन यह डर था कि देवी गंगा की लहर पृथ्वी को पू री तरह से नष्ट कर देगी। को नि यंत्रित करने के लिए भगवान शिव से नदी को अ पने बाल ों से मुक्त करने का अनुरोध करने के लिए कह ा। भागीरथ की भक्ति और सच्ची तपस्या से प्रभाह ोकर, भगवान शिव सहमत हुए और इस प्रकार गंगा ने पृथ ् More information ी के रूप में माना जाता है। राजा भगीरथ से जुड़ी पौराणिक कथा के कारण, गंगा क ो भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है।
Frequently Asked Questions about Ganga Saptami
What’s up with you?
मान्यता है कि जो व्यक्ति गंगा मां की एक डुबकी ल गाता है तो उसे सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जा ती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। – िधान है।
2023 में गंगा सप्तमी कब है?
January 12, 2023
सप्तमी में किसकी पूजा होती?
हिंदू धर्म में संतान सप्तमी के व्रत का विशेष म हत्व है। इस दिन माता पार्वती व भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है।
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Source: vtt.edu.vn