Shiv Chalisa 2023: आने वाला है भगवान शिव का प्रिय महीना सावन, इर ं वााा

Shiv Chalisa: – इस बार श्रावण का पवित्र महीना 14 जुलाई से आरं भ हो रहा है, जो 12 अगस्त तक चलेगा। इस बार सावन में कुल 4 सोमवार पड़ रहे हैं। सावन के सोमवार कुंवारी लड़कियां के लिए काफी ख ास माने जाते हैं। More information भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सावन का महीना स ब से उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने के सोमवार भगव ान शिव की पूजा आराधना करने से व्यक्ति के सभी कष ्ट दूर ह ोते हैं।

सावन के में शिव चालीसा का पा More information क ो दूर हो जाती हैं। शिव चालीसा का चालीसा कहने के पीछे एक कारण यह भै है कि इसमें चालीस पंक्तियां हैं। इस प्रकार लोकप्रिय शिव चालीसा का पाठ कर भक्त ब हु त आसानी से अपने भगवान को प्रसन्न कर लेते हैं। शिव चालीसा के द्वारा आप अपने सभी दुख भूलकर शंक भग र शंक ग वान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह भक्त शिव जी को प्रसन्न कर अपनी मनोकामना पू री कर लेते हैं।

सावन का महीना चल रहा है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग अनेक प्रक ार उपाय इस महीने में करते हैं. 4 minutes तहोगा. . More information त होता है. सावन के महीने में सोमवार का व जाता हॉ – से करते हैं तो झ आज हम आपको इस रिपोर्ट में शिव चालीसा के महत्व के ारे में बताने जा रहें है.

अयोध्या के प्रसिद्ध विद्वान पवन दास शास्त्री बत ाते हैं कि अगर आप भगवान शंकर की पूजा करते समय शिव ? लीसा पढ़ते हैं तो भगवान शिव अपने भक्तों क ी सभी मन ोकामना पूर्ण करते हैं. सावन के महीने में व मान्यता है कि सावन के महीने में शिव चालीसा पढइ नॼ से जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं.

शिव चालीसा का महत्व

शिव चालीसा का हिन्दू धर्म में खास महत्व है। भगवान शिव को सृष्टि का संहारक माना जात। भगवान शिव का आशीर्वाद पाना और उन्हें प्रसन्न कना ही भक्तों का एक मात्र उद्देश्य होता है. ” चालीसा का उल्लेख किया गया है. शिव पुराण से शिव चालीसा को लिया गया है। शास्त्रों में बताया है कि भगवान शिव को प्रसन् न क रने के लिए बहुत ही प्रभावशाली उपाय है शिव चाल ीसस मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ शि व चालीसा का पाठ करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर ्ण होती हैं. इतना ही नहीं, जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिल त ी है।

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What’s up with you?

शिव चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई इस बात को जानन े के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि पहले इस बारे मे ं जान लि या जाय कि शिव की उत्पत्ति कैसे हुई। हमारे वेदों में ऐसा कहा गया है कि जिसका जन्म हु आ ह ै उसकी मृत्यु तय है। वेदों में विशेष रूप से देवताओं और परमात्मा को अजन्म ा माना गया है। कहने का अर्थ है कि वो जो ना तो पैदा हुआ है और ना ही जिसका आगे कभी जन्म होगा। शिवपुराण के अनुसार शिव जी अजन्में हैं अर्थात वो ज न्म और मृत्यु के बंधन से आजाद हैं। अन्य धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिव जी को इस संस ार की रचना करने वाले ब्रह्मा ने ही उत्पन्न क िया था।

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जहाँ तक शिव चालीसा के उत्पत्ति की बात है तो इसक े रचनाकार ने इसमें भगवान् शिव की अपार महिय किया है। परम पूज्य, परम् शक्तिशाली भगवान् शिव की महिमा अ परमपार है जिसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सा है। हालाँकि शिव चालीसा के रचनाकार ने शिव की अपार म हिम ा का काफी हद तक इस चालीसा में गुणगान किया है जिसक ा पाठ कर भक्त जन शिव जी को प्रसन्न कर सकते है ं।

इस विधि से करें शिव चालीसा का पाठ

  • शिव चालीसा का पाठ करने के लिए प्रातः काल स्नान कर ्वच्छ वस्त्र धरण करें।
  • इसके बाद पूर्व दिशा की तरफ अपना मुंह कर साफ आसन बि छा कर उस पर बैठ जाएं।
  • पूजा में धूप, दीप, सफेद चंदन, माला और सफेद पुष्प रखें ।
  • भगवान शिव को भोग लगाने के लिए मिश्री का प्रसाद बन ाएं।
  • शिव चालीसा पाठ को शुरू करने से पहले गाय के घी क ा दीप क भगवान शिव के सामने प्रज्जवालित करें और ए क लोटे में शुद्ध जल भरकर रख दें।
  • 3 min ोड़ा तेज बोल कर पढ़ें जिससे घर के अन्य लोगोऀ को भ नाई दे।
  • शिव चालीसा का पाठ पूर्ण हो जाने के बाद कलश के ज ल से सारे घर में छिड़काव करें और थोड़ा सा जल आचमन स्वयं करे ं।
  • इसके बाद भगवान शिव को मिश्री का भोग लगाएं और यह प ्रसाद बच्चों में भी बांट दें।

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शिव चालीसा पाठ के लाभ

शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि शिव चालीसा पा ठ से कई फायदे हैं। More information ी होता है। इस तरह से पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर ही ै। सेहत ठीक रहती है और शिव जी हर तरह के खतरे से बचा त शिव चालीसा के पाठ से रोगी व्यक्ति तक ठीक हो जात ा है। शिव चालीसा बेहद कारगर है। गर्भवती महिलाओं को शिव चालीसा से बहुत लाभ मिल त ाहै। शिव चालीसा का पाठ करने से गर्भवती महिलाओं के ब च्चे की रक्षा होती है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य संबंधी समस्या वाला व् यक्ति अगर शिव चालीसा का पाठ करें या सुनें तो उन् हें रोगों से मुक्ति मिलती है। शिव चालीसा का पाठ करने से नशे की लत और तनाव से छ ुटका रा मिलता है।

शिव चालीसा का पाठ करने के दौरान बरतें ये सावधा नी

कहते हैं कि शिव जी अपने भक्तों की भक्ति से जितन ी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी उन्हें क ्र भी आता है। इसलिए शिव चालीसा या शिव जी की पूजा के समय ख़ास स ावधानी बरतना बेहद आवश्यक माना जाता है।

  • शिव चालीसा का पाठ हमेशा ब्रह्म मुहूर्त यानि क ि स ूर्योदय से पूर्व ही किया जाना चाहिए।
  • पाठ करते समय हमेशा पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके है ठें।
  • शिव चालीसा का जाप शुरू करने से पहले शिव जी के स मक्ष घी का दीया जलाना ना भूलें।
  • ” ं सफ़ेद मिश्री का प्रयोग करें।
  • यदि आप शिवलिंग के समक्ष चालीसा का जाप कर रहे है ं त ो विशेष रूप से शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना ना भूलें।
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शिव चालीसा

॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान ।कह। योध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई ॥जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प ्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार 2 ॥

वस्त्र खाल सोहे ।छवि को देखि नाग मन मो हे॥

मैना मातु की हवे दुलारी ।बाम अंग सोहत छवि न्या री ॥

More information कारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।सागर मध्य कमल हैं जे सै ॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा ।तब ही दुख प्रभु आप निवा रा ॥

किया उपद्रव तारक भारी ।देवन सब मिलि तुमहिं जु हार ी॥

तुरत षडानन आप पठायउ ।लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

आप जलंधर असुर संहारा ।सुयश तुम्हार विदित संसा रा ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।सबहिं कृपा कर लीन बचा ई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी ।पुरब प्रतिज्ञा तासु प ा री॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।सेवक स्तुति करत सद ा हीं॥

वेद नाम महिमा तव गाई।अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।जरत सुरासुर भए व िहा ला॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।जीत के लंक विभीषण द ीन ्हा ॥

सहस कमल में हो रहे धारी ।कीन्ह परीक्षा तबहिं प ुरार ी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।भए प्रसन्न दिए इच ्छि त वर ॥

जय जय जय अनन्त अविन continues

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।येहि अवसर मोहि आन आन बारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन मारो ।संकट से मोहि आन उबा रो॥

मात-पिता भ्राता सब होई ।संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।आय हरहु मम संकट भारी ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं ।जो कोई जांचे सो फल पा ही ं॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।क्षमहु नाथ अ ब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन ।मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।शारद नारद शीश नवा व ैं॥

नमो नमो जय नमः शिवाय ।सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

जो यह पाठ करे मन लाई ।ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।पाठ करे सो पावन हारी ॥

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पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।निश्चय शिव प्रसाद तेह ि ह ोई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।ध्यान पूर्वक होम करा वे ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।ताके तन नहीं रहै कले ॶा

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे सम्मुख पाठ सुनाव े॥

जन्म जन्म के नसावे ।अन्त धाम शिवपुर में पा वे॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।जानि सकल दुःख हर ह ु हमारी ॥

॥ दोहा ॥नित्त नेम कर प्रातः ही,पाठ करौं चालीसा । तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश ॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान ।अस्तुति चा ल ीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण ॥

Conclusion

Shiv Chalisa is a devotional hymn dedicated to Lord Shiva, one of the most revered deities of Hinduism. This prayer consists of 40 verses that praise and invoke the blessings of Lord Shiva. Reciting Shiv Chalisa is believed to bring peace, prosperity and spiritual growth to those who chant it with devotion. Devotees often chant it as a way to seek protection from negativity and achieve inner peace. Whether you are a long-time devotee or new to the practice, reciting Shiv Chalisa can be a powerful way to connect with the divine and deepen one’s spiritual journey.

Frequently Asked Questions about Shiv Chalisa

What’s up with you?

वेदों के अनुसार भक्त शिव चालीसा का अनुसरण अपन े जी वन की कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए करता है! शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करक े शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते है! व्यक्ति के जीवन शिव चालीसा का बहुत महत्व ह ै! शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है!

What are you doing?

नित्य प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ व्यक्ति के म न में साहस और शक्ति का संचार करता हॉ के भय से मुक्त हो जाता है। अगर आपके पास समय का अभाव हो तो केवल ” जय गणेश गिर ीजा सुवन’ मंगल मूल सुजान, कहते अयोध्या दास तुम द ेउ अभ य वरदान “ वाली पंक्ति 27 बार पाठ नित्य प्रा तः काल करे ं, लाभ मिलेगा।

What’s up with you?

– अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और साफ आसन पर बै ठें. – पूजा में धूप दीप सफेद चंदन माला और सफेद 5 फूल भी रखे ं और मिश्री को प्रसाद के लिए रखें. – पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलायें और एक लोटे म ें शुद्ध जल भरकर रखें. – भगवान शिव की शिव चालिसा का तीन बार पाठ करें!

चालीसा क्यों पढ़ा जाता है?

भगवान की सरल भाषा में की जाने वाली प्रार्थना क ो चा लीसा कहा जाता है। इष्ट देव की चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जी वन में अद्भुत प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही इस प्रार्थना को चालीसा इसलिए कहा ज ात ा है क्योंकि इसमें चालीस लाइनें होती हैं। सरल भाषा में होने के कारण इसे आसानी से पढ़ा जा सकता ह ै।

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Source: vtt.edu.vn

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